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हर पल को आनंद से जीने की कला (माइंडफूलनेस क्या है? पार्ट १)

अब आपको कुछ पलों के लिए कल्पना करनी है ।
एक दिन ऑफिस का समय खत्म होने के बाद आप घर के लिए निकल पड़े हैं । आपका दिन अच्छा नहीं गया है । बॉस के साथ किसी बात पर आपके मतभेद हुए हैं । दिनभर ऑफिस में घटी घटनाओं के कारण आप गुस्सा है, निराश है और थक चुके हैं । कुछ देर बाद आप घर पहुँचते हैं और आपको समझ में आता है, कि पूरे मोहल्ले की लाइट चली गई है । आप ताला खोलते हैं, घर के अंदर घना अंधेरा छाया है । आप मोबाइल का टॉर्च लगाने की कोशिश करते हैं, किंतु मोबाइल की बैटरी खत्म हो चुकी है । आपको और गुस्सा आ रहा है ।

मन क्या है? – पार्ट १

१९६१ की घटना । जॉन एफ कैनेडी अमरिका के राष्ट्रपति थे । राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में म्यूजिक प्रोग्राम के लिए उस वक्त के लोकप्रिय और बेहतरीन म्यूजिशियन को आमंत्रित किया था और उस म्यूजिशियन का नाम था, पॅब्लो कासल्स । पॅब्लो वायलिन बजाते थे और जब वह वायलिन बजाते थे तब मानो लोगों की सांसे थम जाती थीं, उनके वायलिन से गूंजनेवाले उस जादुई म्यूजिक के साथ लोग स्वयं को भूल जाते थे । उस दौर के वह सर्वश्रेष्ठ वायलिन वादक थे । उनके द्वारा की गयी दिलकश म्यूजिक की रचनाओं के कारण १९६३ में अमरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने पॅब्लो कासल्स को अमरिका के उच्चतम नागरिक सम्मान ‘प्रेजिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ से नवाजा ।

यूनिवर्स किस से बना हुआ है?

सेन्ट्रल अफ्रीका में कूबा नामक एक जनजाति है, वहाँ पर चली आ रही कहानियों के मुताबिक इस ब्रह्मांड के निर्मित होने से पहले इस दुनिया में सिर्फ अंधकार और पानी था । इस अंधकार और पानी में महाकाय राक्षस रहते थे । इन राक्षसों के अलावा उस वक्त इस दुनिया में सिर्फ एक ही देवता थी, जिसका नाम था मबोम्बो (Mbombo) । एक दिन इस देवता के पेट में अचानक से दर्द होने लगा और उसने उल्टी कर दी इस से सूरज, चांद और तारों का निर्माण हुआ । सूरज ने पानी को भाप में रूपांतरित किया और उससे बादल बनें, बादलों से बारिश हुई और जमीन का निर्माण हुआ । देवता को कुछ दिनों के लिए अच्छा महसूस हुआ पर जल्दी ही देवता फिर से एक बार बीमार हुई । देवता के पेट में फिर से दर्द होने लगा और देवता ने उल्टी कर दी, इससे जानवर, पेड़ पौधे, पंछी और मनुष्य का निर्माण हुआ ।

किस तरह से आपका मन समस्याओं को निर्मित करता है? पार्ट २

पिछले ब्लॉग में हम ने पढ़ा कि किस तरह से हमारा मन एक समस्या का समाधान होने से पहले ही दूसरी समस्या निर्मित कर लेता है । अधिकतर हमारा मन जिन समस्याओं को निर्मित करता है, वे समस्या सिर्फ और सिर्फ हमारा भ्रम होती है । वास्तविकता में शायद ही कभी कोई समस्या होती हो, हमारा मन भविष्य के बारे में और अतीत के बारे में सोच सोच कर नयी समस्याएँ निर्मित कर लेता है ।

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